रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। कई बार देखा जाता है कि अचानक खुले में शौच आदि के लिए जाने वाला व्यक्ति के आते ही तबीयत बिगड़ जाती है। उसपर दबाएं बेअसर हो जाती हैं। इनसे बचने के उपाय हो न हों, https://vashikaranmantraforlove59370.bloggactif.com/35537369/getting-my-beej-mantra-to-work