पूरे साधना काल तक दीप और लोबान जलते रहने चाहिए उल्टा साद समेटू वाणी, गोरखा बोल्या उल्टी वाणी " त्रीं त्रीं त्रीं हूँ हूँ स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये शनिवार के दिन पीपल के मूल में बैठकर दस हजार जप करने से भौतिक रोग तथा अभिचारिक कर्म समाप्त होते हैं। श्मशान https://559370.techionblog.com/32376466/details-fiction-and-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra