कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ स्वामी एक https://shivchalisalyricsinmarath34540.rimmablog.com/29291035/rumored-buzz-on-shiv-chalisa-lyrics-in-hindi