भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।। प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥ प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं । प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥ अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा https://shiv-chalisa-lyrics-in-gu36843.robhasawiki.com/10807672/the_ultimate_guide_to_shiv_chalisa_lyrics_with_meaning